जेएसपी में दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां, सौर ऊर्जा की ओर भी बढ़े कदम

हम सतत विकास एवं पर्यावरण संतुलन के प्रति समर्पितः नवीन जिन्दल

रायपुर, 26 फरवरी 2024 –जिन्दल स्टील एंड पॉवर (जेएसपी) ने कार्बन डाईऑक्साइड नियंत्रण और हरित पर्यावरण निर्माण के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने कार्बन नेट जीरो लक्ष्य के अनुरूप अपने अंगुल स्टील कॉम्प्लेक्स में 10 इलेक्ट्रिक बसें एवं 27 इलेक्ट्रिक एसयूवी उतारी हैं और सौर ऊर्जा उत्पादन की भी शुरुआत की है। यह पहल पर्यावरण संतुलन और कार्बन फुटप्रिंट घटाने की दिशा में जेएसपी की प्रतिबद्धता में एक मील का पत्थर है।


अंगुल स्टील कॉम्पलेक्स में रविवार देर शाम इलेक्ट्रिक गाड़ियों को हरी झंडी दिखाते हुए जेएसपी के चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल ने कहा, “जिन्दल स्टील एंड पॉवर सतत विकास और पर्यावरण संतुलन के प्रति समर्पित हैं।“

श्री जिन्दल ने कहा कि, “अंगुल प्लांट क्षेत्र में इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलना और सौर ऊर्जा प्लांट चालू होना कार्बन नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने एवं हरित धरती निर्माण का सपना साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।“

जेएसपी अंगुल ने कुल 27 इलेक्ट्रिक बसों और 45 इलेक्ट्रिक एसयूवी के ऑर्डर दिए हैं। ये सभी शून्य उत्सर्जन वाले वाहन हैं। इस कदम से प्लांट क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन घटेगा और दोपहिया वाहन का उपयोग कम होगा, जिससे यातायात सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा। कंपनी ने इन वाहनों के निर्माण में वैश्विक मानकों के पालन पर जोर दिया है।

अपनी हरित प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए जेएसपी अंगुल ने प्रति वर्ष 2 करोड़ 10 लाख यूनिट की कुल उत्पादन क्षमता के साथ एक रूफटॉप सौर प्लांट चालू किया है। इस पहल से वार्षिक कार्बन फुटप्रिंट में 18,000 टन कमी आने का अनुमान है, जो एक दशक में लगभग 3.6 लाख पेड़ लगाने के पर्यावरणीय लाभ के बराबर है।

इन महत्वपूर्ण निवेशों के साथ जेएसपी ने अपने संचालन में सस्टेनेबिलिटी को एकीकृत करके भारतीय स्टील जगत में एक नया मानक स्थापित किया है। कंपनी नेतृत्व के सहयोग एवं मार्गदर्शन में जेएसपी इलेक्ट्रिक वाहन और स्वच्छ ऊर्जा उपायों को अपनाने की दिशा में अधिक सजग और प्रतिबद्ध है।

जिन्दल स्टील एंड पावर के बारे मेंः

जेएसपी स्टील, माइनिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की एक अग्रणी कंपनी है। दुनिया भर में 12 अरब (बिलियन) अमेरिकी डालर निवेश के साथ कंपनी आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए निरंतर अपनी क्षमता और दक्षता में इजाफा कर रही है।