राहुल बताएं, आदिवासी नेता बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के हत्यारों को संरक्षण क्यों दे रहे है
रायपुर। भाजपा सरकार में वरिष्ठ मंत्री केदार कश्यप ने राहुल गांधी पर बड़ा पलटवार करते हुए उनसे कई सवाल पूछे हैं केदार कश्यप ने कहा कि पहली बार आदिवासी राष्ट्रपति चुनने का मौक़ा आया तो कांग्रेसियों ने जी जान लगा दी उसका विरोध करने में। यहाँ तक कि छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के वोट से बने विधायकों को भी मजबूर किया कि महामहिम मूर्मू के खिलाफ वोट दें।
आदिवासियों के विरुद्ध साजिश कर जब कांग्रेस श्रीमती मुर्मु को हरा नहीं पायी तो इनके नेता बौखलाहट में माननीया राष्ट्रपति को ‘राष्ट्रपत्नी’ कह कर मजाक उड़ाने लगे।
श्री कश्यप ने कहा कि जब राज्यसभा भेजने की बारी आयी तो सारी सीटों को बेच डाला। छत्तीसगढ़ के किसी आदिवासी या दलित या पिछड़े वर्ग के नेता को वहाँ भेजने की जहमत नहीं उठायी। अब घड़ियाली आसूँ बहा रहे।
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के शासन में लगभग 40 हज़ार आदिवासी बच्चे इलाज के अभाव में मर गये, तब ज़ुबान को क्या हो गया था राहुल के? पचास वर्षों तक आदिवासी-दलितों-पिछड़ों का हक़ नहीं दिया। छत्तीसगढ़ को लूटते रहे।
भाजपा ने राज्य बनाया आदिवासी बहुलता के कारण और पहला आदिवासी मुख्यमंत्री भी भाजपा ने हो दिया।
छत्तीसगढ़ शासन में वरिष्ठ मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि राहुल गांधी रोज मूर्खता का नया अध्याय रच रहे हैं। इन्हें इतना भी नहीं मालूम कि समाचार संस्थानों में नियुक्ति सरकार नहीं करती है। देश इनके पिता के जमाने से काफी आगे निकल गया है, जब दूरदर्शन को ‘राजीव दर्शन’ कहा जाता था। कोरोना के समय बक़ायदा पत्र लिख कर इनकी मां सोनिया गांधी ने कहा था कि मीडिया को विज्ञापन रोक देने से कोरोना समाप्त हो जायेगा। श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस को मीडिया विज्ञापन का पैसा भी केवल नेशनल हेराल्ड के लिये चाहिए।
श्री कश्यप ने कहा राहुल गांधी आदतन झूठ बोलने वाले व्यक्ति हैं। मोदी सरकार ने 4 लाख करोड़ से ज्यादा डूबा हुआ पैसा वसूल कर गरीबों को उनका हक दिया है। मनमोहन सरकार के दूसरे कार्यकाल में बहुत से गलत लोगो को तब की कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के फोन द्वारा बैंको से लोन देने दबाव डाला जाता था गलत लोगों को नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पैसा दिया गया उसमे से भी कई लाख करोड़ मोदी सरकार ने वसूल कर दिखाए है। राहुल गांधी का दुष्प्रचार काम नही आयेगा। अच्छा होता वो छत्तीसगढ़ आकर आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के लोगो से माफी मांगते क्योंकि आदिवासियों का उन्होंने हक मारा है, विरोध किया है और पिछड़े वर्ग को गाली दी है।