प्रधानमंत्री मोदी ने रामेश्वरम में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया

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नई दिल्ली /रामेश्वरम:प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज तमिलनाडु के रामेश्वरम में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास लोकार्पण किया। इससे पहले, उन्होंने भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज – नए पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन किया और सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाई और पुल का संचालन देखा। उन्होंने रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा भी की।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज श्री राम नवमी का पावन अवसर है। उन्होंने कहा कि आज ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर में सूर्य की दिव्य किरणों ने रामलला को भव्य तिलक से सुशोभित किया। उन्होंने कहा, “भगवान श्री राम का जीवन और उनके शासनकाल से मिली सुशासन की प्रेरणा राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण आधार का काम करती है।” उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के संगम युग के साहित्य में भी भगवान श्री राम का उल्लेख है, उन्होंने रामेश्वरम की पवित्र धरती से श्री राम नवमी के अवसर पर सभी नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

श्री मोदी ने कहा, “मैं आज रामनाथस्वामी मंदिर में प्रार्थना करके धन्य महसूस कर रहा हूँ”। उन्होंने कहा कि इस विशेष दिन पर उन्हें 8,300 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं को सौंपने का अवसर मिला। उन्होंने बल देकर कहा कि ये रेल और सड़क परियोजनाएँ तमिलनाडु में कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देंगी। उन्होंने इन परिवर्तनकारी पहलों के लिए तमिलनाडु के लोगों को बधाई दी।

यह देखते हुए कि रामेश्वरम भारत रत्न डॉ. कलाम की भूमि है, जिनके जीवन ने दिखाया कि कैसे विज्ञान और अध्यात्म एक दूसरे के पूरक हैं, प्रधानमंत्री ने कहा, “रामेश्वरम के लिए नया पंबन पुल प्रौद्योगिकी और परंपरा के मिलन का प्रतीक है”। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हजारों साल पुराना एक शहर अब 21वीं सदी के इंजीनियरिंग चमत्कार से जुड़ गया है। उन्होंने इंजीनियरों और श्रमिकों के समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए आभार व्यक्त किया। श्री मोदी ने कहा कि यह पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्री पुल है, जो बड़े जहाजों को नीचे से गुजरने की अनुमति देता है और साथ ही तेज़ ट्रेन यात्रा को सक्षम बनाता है। उन्होंने आज एक नई ट्रेन सेवा और एक जहाज को हरी झंडी दिखाने का उल्लेख किया और इस उल्लेखनीय परियोजना के लिए तमिलनाडु के लोगों को बधाई दी।

इस बात को रेखांकित करते हुए कि इस पुल की मांग कई दशकों से चली आ रही थी, श्री मोदी ने कहा कि लोगों के आशीर्वाद से इस कार्य को पूरा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पम्बन पुल व्यापार करने में आसानी और यात्रा में आसानी दोनों का समर्थन करता है, जिससे लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि नई ट्रेन सेवा रामेश्वरम से चेन्नई और देश के अन्य हिस्सों तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि इस विकास से तमिलनाडु में व्यापार और पर्यटन को लाभ होगा, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर भी उपलब्‍ध होंगे।

श्री मोदी ने कहा, “पिछले 10 वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो गया है”। उन्होंने इस कहा कि इस तीव्र वृद्धि का एक प्रमुख कारण देश का उल्लेखनीय आधुनिक बुनियादी ढांचा है। उन्होंने बल देकर कहा कि पिछले दशक में रेलवे, सड़क, हवाई अड्डे, बंदरगाह, बिजली, पानी और गैस पाइपलाइन जैसे बुनियादी ढांचे के लिए बजट में लगभग छह गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “आज, देश भर में मेगा प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहे हैं”। उन्होंने कहा कि उत्तर में, जम्मू और कश्मीर में चेनाब ब्रिज का निर्माण किया गया है, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुलों में से एक है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम में, मुंबई अब देश के सबसे लंबे समुद्री पुल, अटल सेतु का घर है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में, असम में बोगीबील ब्रिज प्रगति का प्रमाण है, जबकि दक्षिण में, दुनिया के कुछ ऊर्ध्वाधर लिफ्ट पुलों में से एक, पंबन ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि पूर्वी और पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारे पूरे होने वाले हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि देश की पहली बुलेट ट्रेन पर तेजी से काम चल रहा है, जबकि वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें रेल नेटवर्क को और उन्नत बना रही हैं।

इस बात पर बल देते हुए कि जब भारत का हर क्षेत्र एक-दूसरे से जुड़ता है, तो विकसित राष्ट्र बनने का मार्ग मजबूत होता है, श्री मोदी ने कहा कि दुनिया भर के हर विकसित देश और क्षेत्र में ऐसा ही हुआ है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जैसे-जैसे भारत का हर राज्य जुड़ता है, देश की पूरी क्षमता का एहसास होता है। उन्होंने कहा कि इस कनेक्टिविटी से तमिलनाडु सहित देश के हर क्षेत्र को फायदा हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में तमिलनाडु महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है”। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जैसे-जैसे तमिलनाडु की क्षमता बढ़ती जाएगी, भारत का विकास और भी तेज होगा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पिछले एक दशक में केंद्र सरकार ने 2014 से पहले की अवधि की तुलना में तमिलनाडु के विकास के लिए तीन गुना अधिक धनराशि आवंटित की है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ी हुई धनराशि ने तमिलनाडु के आर्थिक और औद्योगिक विकास में बहुत योगदान दिया है।

इस बात पर बल देते हुए कि तमिलनाडु में बुनियादी ढांचे का विकास भारत सरकार की प्राथमिकता है, श्री मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में तमिलनाडु का रेल बजट सात गुना से अधिक बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले तमिलनाडु में रेल परियोजनाओं को सालाना केवल 900 करोड़ रुपये मिलते थे, जबकि इस वर्ष तमिलनाडु का रेल बजट 6,000 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार राज्य के 77 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण कर रही है, जिसमें रामेश्वरम स्टेशन भी शामिल है।

पिछले दस वर्षों में ग्रामीण सड़कों और राजमार्गों के विकास में हुई उल्लेखनीय प्रगति की ओर संकेत करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात की जानकारी दी कि 2014 से, केंद्र सरकार के सहयोग से, तमिलनाडु में 4,000 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि चेन्नई पोर्ट को जोड़ने वाला एलिवेटेड कॉरिडोर उल्लेखनीय बुनियादी ढांचे का एक और उदाहरण होगा। उन्होंने यह भी बताया कि आज लगभग 8,000 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई और उद्घाटन किया गया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगी और आंध्र प्रदेश के साथ संपर्क में भी सुधार करेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चेन्नई मेट्रो जैसी आधुनिक सार्वजनिक परिवहन प्रणालियाँ तमिलनाडु में यात्रा को आसान बना रही हैं, उन्होंने इस बात पर बल दिया कि व्यापक बुनियादी ढाँचे के विकास से विभिन्न क्षेत्रों में नई नौकरियों का सर्जन होता है।

पिछले दशक के दौरान भारत में सामाजिक बुनियादी ढांचे में रिकॉर्ड निवेश को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने खुशी जाहिर की कि तमिलनाडु में करोड़ों परिवारों को इन पहलों से लाभ मिला है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पिछले 10 वर्ष में, देश भर में गरीब परिवारों को 4 करोड़ से अधिक पक्के मकान उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें पीएम आवास योजना के तहत तमिलनाडु में बनाए गए 12 लाख से अधिक पक्के मकान शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में, लगभग 12 करोड़ ग्रामीण परिवारों को पहली बार पाइप से पानी मिला है। उन्होंने कहा कि इसमें तमिलनाडु के 1 करोड़ 11 लाख परिवार शामिल हैं, जिनके पास अब पहली बार अपने घरों में नल का पानी उपलब्ध है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है”। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत, तमिलनाडु में 1 करोड़ से अधिक उपचार किए गए हैं, जिससे राज्य के परिवारों का 8,000 करोड़ रुपये का खर्च बचा है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि तमिलनाडु में 1,400 से अधिक जन औषधि केंद्र हैं, जहाँ 80% तक की छूट पर दवाइयाँ उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इन सस्ती दवाओं के कारण लोगों को 700 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि युवा भारतीयों को डॉक्टर बनने के लिए विदेश जाने की मजबूरी न महसूस हो। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हाल के वर्षों में तमिलनाडु में 11 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। उन्होंने तमिलनाडु सरकार से तमिल भाषा में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया, जिससे गरीब परिवारों के कई बच्चों को मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “सुशासन सुनिश्चित करता है कि करदाताओं द्वारा दिया गया प्रत्येक रुपया सबसे गरीब नागरिकों को भी लाभ पहुंचाए”। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत तमिलनाडु के छोटे किसानों को लगभग 12,000 करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के किसानों को पीएम फसल बीमा योजना से भी लाभ मिला है, जिसके तहत 14,800 करोड़ रुपये के दावे किए गए हैं।

श्री मोदी ने कहा, “भारत की नीली अर्थव्यवस्था देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और इस क्षेत्र में तमिलनाडु की ताकत को वैश्विक स्तर पर पहचाना जाएगा।” उन्होंने तमिलनाडु के मत्स्य पालन समुदाय की कड़ी मेहनत की जानकारी दी और इस बात पर बल दिया कि केंद्र सरकार राज्य के मत्स्य पालन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्ष में तमिलनाडु को पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत पर्याप्त धनराशि मिली है, जिससे मछुआरों के लिए आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के सरकार के प्रयासों पर बल दिया जा रहा है। इसमें समुद्री शैवाल पार्क, मछली पकड़ने के बंदरगाह और लैंडिंग केंद्रों में सैकड़ों करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। श्री मोदी ने मछुआरों की सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर बल दिया और बताया कि पिछले एक दशक में श्रीलंका से 3,700 से अधिक मछुआरों को वापस लाया गया है, जिनमें से 600 से अधिक को पिछले वर्ष ही वापस लाया गया।

भारत में बढ़ती वैश्विक रुचि और देश के बारे में जानने और समझने के लिए उत्सुक लोगों का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने इस आकर्षण में भारत की संस्कृति और सॉफ्ट पावर की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा, “सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि तमिल भाषा और विरासत दुनिया के हर कोने तक पहुंचे”। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 21वीं सदी में इस महान परंपरा को और आगे बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि रामेश्वरम और तमिलनाडु की पवित्र भूमि राष्ट्र को प्रेरित और ऊर्जा प्रदान करती रहेगी।

आज भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस को ध्यान में रखते हुए, श्री मोदी ने कहा कि मजबूत, समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के अथक प्रयासों से प्रेरित है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि देश के लोग भाजपा सरकारों के सुशासन और राष्ट्रहित में लिए जा रहे निर्णयों को देख रहे हैं। उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि देश के हर राज्य और कोने में भाजपा कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं और गरीबों की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा के लाखों कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।

इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर एन रवि, केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन सहित अन्य लोग मौजूद थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन किया और रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। इस पुल का गहरा सांस्कृतिक महत्व है। रामायण के अनुसार, राम सेतु का निर्माण रामेश्वरम के पास धनुषकोडी से शुरू हुआ था। रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला यह पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है। इसे 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। इसकी लंबाई 2.08 किमी है, इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है, जिससे जहाजों की सुचारू आवाजाही की सुविधा मिलती है और साथ ही निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित होता है। स्टेनलेस स्टील सुदृढीकरण, उच्च श्रेणी के सुरक्षात्मक पेंट और पूरी तरह से वेल्डेड जोड़ों के साथ निर्मित, पुल में अधिक स्थायित्व और कम रखरखाव की आवश्यकता है। इसे भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए दोहरी रेल पटरियों के लिए डिज़ाइन किया गया है। विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में दीर्घायु सुनिश्चित होती है।

प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया। इन परियोजनाओं में एनएच-40 के 28 किलोमीटर लंबे वालाजापेट-रानीपेट खंड को चार लेन का बनाने का शिलान्यास और एनएच-332 के 29 किलोमीटर लंबे विलुप्पुरम-पुदुचेरी खंड को चार लेन का बनाने का कार्य, एनएच-32 का 57 किलोमीटर लंबा पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम खंड और एनएच-36 का 48 किलोमीटर लंबा चोलापुरम-तंजावुर खंड शामिल हैं। ये राजमार्ग कई तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगे, शहरों के बीच की दूरी कम करेंगे और मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, बंदरगाहों तक तेज पहुंच सक्षम करेंगे। इसके अलावा स्थानीय किसानों को कृषि उत्पादों को नजदीकी बाजारों तक पहुंचाने और स्थानीय चमड़ा और लघु उद्योगों की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने में सशक्त बनाएंगे।