जीएसटी की नई दरें किसानों के लिए वरदान साबित होंगी

नई दिल्ली, 6 सितंबर 2025 (PIB): जीएसटी की नई दरें और स्लैब से कृषि के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर असर दिखाई देगा ।इससे विशेष कर छोटे और मंझौले किसानों को बहुत लाभ होगा, कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरें कम होने के कारण कृषि की लागत घटेगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा। यह विचार केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में आयोजित प्रेस वार्ता में व्यक्त किये।

श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म-पोषक तत्वों पर GST घटाई गई है, जिससे किसानों को लाभ होगा। साथ ही रासायनिक उर्वरकों से जैव उर्वरकों की तरफ किसानों की प्रवृति निश्चित रूप से बढ़ेगी। डेयरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर कोई GST नहीं होगा। इससे आम आदमी को तो लाभ होगा ही, साथ ही किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को भी फायदा मिलेगा।

आज अनंत चतुर्दशी का महापर्व है और गणपति बप्पा को हम विदाई देंगे। उनसे यही प्रार्थना है कि सुख-समृद्धि और ऋद्धि-सिद्धि देश की जनता की ज़िंदगी में आए।

जनता की ज़िंदगी बेहतर बने। इसके लिए प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में NDA की सरकार लगातार प्रयत्न कर रही है।

सरकार की कोशिश और प्रधानमंत्री जी के प्रयत्न हैं कि आम आदमी की ज़िंदगी में कठिनाइयाँ न रहें। लाल किले की प्राचीर से उन्होंने देश को ये कहा था कि GST में नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म लाए जाएंगे और वो रिफॉर्म जनता को बड़ी राहत लेकर आएंगे।

किसान और कृषि मंत्री के नाते मैं प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूँ। हमारा संकल्प है कि खेती में उत्पादन की लागत घटाना और उत्पादन बढ़ाना। उत्पादन बढ़ेगा और लागत घटेगी तो किसान का खेती में प्रॉफ़िट बढ़ेगा।

GST में जो सुधार किए गए हैं अगर उन्हें देखें तो उनका बड़ा लाभ देश के किसानों को मिलने वाला है। कुछ कंपनियों ने शुरू कर दिया है। कृषि उपकरण चाहे वो ट्रैक्टर हो, हार्वेस्टर, रोटावेटर हो, अलग-अलग तरह के जो GST घटाकर 5% की गई है वो किसान के लिए वरदान सिद्ध होगी।

हमारे देश के किसानों की जोत का आकार छोटा है। इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं इंटीग्रेटेड फार्मिंग की मतलब खेती के साथ किसान खेती से जुड़े और एलाइड सेक्टर के बाकी काम कुछ न कुछ करे।

जैसे पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, कृषि वानिकी, भेड़-बकरी पालन, पॉल्ट्री फार्म, अगर ओवरऑल आप देखेंगे तो पूरे सेक्टर में क्योंकि कृषि और पशुपालन तो एक-दूसरे के पूरक हैं। उस पर भी GST में जो छूट दी गई है वो भी हमारी खेती और किसानों के लिए वरदान सिद्ध होगी।

अगर इससे जुड़ा हुआ ग्रामीण क्षेत्र देखें। तो हस्तशिल्प, चमड़े का सामान, दूध उत्पाद के काम में व्यापक पैमाने पर महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप काम कर रहे हैं। जिन्होंने कई बहनों को लखपति दीदी बना दिया है। उनकी ज़िंदगी भी GST में इस छूट से और बेहतर होगी, आमदनी बढ़ेगी और लखपति दीदी के आंदोलन को भी नई ताकत मिलेगी।

अगर हम जीएसटी सुधारो को देखें तो एक उदाहरण के तौर पर कोई ट्रैक्टर अगर 9 लाख रुपए में आता था 9 लख रुपए में खरीदते थे तो अब किसान को 65 हजार रुपए की बचत उसपर होगी।

अगर ट्रैक्टर 35 एचपी का है जिसकी कीमत लगभग 5 लख 80 हजार रुपए होती थी तो एक ट्रैक्टर खरीदने पर 41 हजार रुपए की बचत होगी, 45 एचपी के ट्रैक्टर पर 45 हजार रुपए बचत होगी, 50 एचपी के ट्रैक्टर पर 53 हजार रुपए बचत होगी और 75 एचपी के ट्रैक्टर पर लगभग 63 हजार रुपए बचत होगी तो ट्रैक्टर पर ही अगर बचत देखें तो 25 हजार से लेकर 63 हजार रुपए तक की बचत किसानों को होगी।

डेरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर कोई जीएसटी नहीं होगा इससे आम आदमी को तो लाभ होगा ही इसकी मांग भी बढ़ेगी और दूध खरीदकर डेरी उत्पाद तैयार करने वाले वो भी लाभ में रहेंगे और किसानों को भी सीधा जो दुग्ध उत्पादक, पशुपालक हैं उनको सीधा फायदा होगा।

मक्खन, घी इनपर जीएसटी कम की गई है तो निश्चित तौर पर यह स्वदेशी उत्पाद ज्यादा बिकना प्रारंभ होंगे दूध के डिब्बों पर भी जीएसटी घटाई गई है उसका लाभ भी डेरी क्षेत्र को मिलेगा और अगर डेरी क्षेत्र आगे बढ़ेगा तो सीधे किसान और पशुपालक आगे बढ़ेंगे।

कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर 12 जीव कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्व हैं माइक्रो न्यूट्रेंट उनपर भी जीएसटी घटाई गई है इससे प्राकृतिक खेती और जैविक खेती को क्योंकि जैविक जो इनपुटस् हैं उनकी कीमत कम होगी तो उसमें लाभ होगा और रासायनिक उर्वरकों से जैव उर्वरकों की तरफ किसान के बढ़ने की प्रवृति निश्चित तौर पर बढ़ेगी।

फर्टिलाइजर पर भी जो अमोनिया सुल्फ़्यूरिक ऐसिड, नाइट्रिक ऐसिड इनपर भी 18% से घटाकर जीएसटी 5% की गई है यह कच्चा माल है जो उर्वरक तैयार करता है इससे भी निश्चित तौर पर इनकी कीमतें कम होगी तो किसानों को उसका भी लाभ होगा।

श्री चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने कम की कृषि उपकरणों में जीएसटी दर 18% से कम कर 5% करने से से कृषि उपकरण और अन्य वस्तुएं सस्ती होंगी।

जैसे 35 एचपी ट्रैक्टर – पहले 6,50,000 रुपए , अब 6,09,000 रुपए (अनुमानित) , बचत 41,000 रुपए
45 एचपी ट्रेक्टर- पहले 7,20,000 रूपए, अब 6,75,000 रूपए, बचत 45,000 रू. 75 एचपी ट्रेक्टर- पहले 10,00,000 रूपए, अब 9,37,000 रूपए, बचत 63,000 रूपए 50 एचपी ट्रेक्टर- पहले- 8,50,000 रूपए, अब 7,97,000 रूपए, बचत 53,000 रूपए पावर टिलर 13 एचपी- पहले 20,357 रूपए, अब 8,482 रूपए, बचत 11,875 रूपए बहुफसली थ्रेशर – 4 टन- पहले 24,000 रूपए, अब 10,000 रू, बचत 14,000 रू.

धान रोपण यंत्र -(4 पंक्ति – वॉक बिहाइंड)– पहले 26,400 रूपए, अब 11,000, बचत 15,400 रूपए पावर वीडर – 7.5 एचपी- पहले 9,420 रू. अब 3,925 रू., बचत 5,495 रूपए सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल – 11 टाइन- पहले 18,000 रू, अब 7,500 रू. बचत 10,500 रू.सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल – 13 टाइन- पहले 5,520 रू. अब 2,300 रू. बचत 3,220 रू 14 फीट कटर बार- पहले 3,21,428 रू. अब 1,33,928 रू. बचत 1,87,500 रू. स्ट्रॉ रीपर – 5 फीट- पहले 37,500 रू, अब 15,625 रू, बचत 21,875 रू. हैप्पी सीडर – 10 टाइन- पहले 18,214 रू. अब 7,589 रू. बचत 10,625 रू. सुपर सीडर – 8 फीट- पहले 28,928 रू. अब 12,053 रू. बचत 16,875 रू. रोटावेटर – 6 फीट- पहले 13,392 रू. अब 5,580 रू. बचत 7,812 रू. स्क्वायर बेलर – 6 फीट- पहले 1,60,714 रू. अब 66,964 रू. बचत 93,750 रू. मल्चर – 8 फीट- पहले 19,821 रू. अब 8,258 रू. बचत 11,562 रू. ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर – 400 लीटर- पहले 16,071 रू. अब 6,696 रू. बचत 9,375 रूपए तक होगी।

पावर टिलर में इसकी अनुमानित क़ीमत बता रहा हूँ लेकिन मोटे तौर पर पावर टिलर 13 HP का लगभग 1 लाख 69 हज़ार 643 रुपए का आता है। उसमें 11 हज़ार 875 रुपए की लगभग बचत होगी।

धान के रोपण का जो यंत्र होता है वो 2 लाख 20 हज़ार रुपए का आता है। उसमें 15 हज़ार 400 रुपए की बचत होगी।

बहुफसलीय थ्रेशर जिससे अलग-अलग फसलें निकालते हैं। उस पर लगभग 14 हज़ार रुपए की बचत होगी।

पावर वीडर जो घास निकालता है, ज़मीन तैयार करता है 7.5 HP का इसमें 78 हज़ार रुपए के आस-पास आता है, इसमें 5 हज़ार 495 रुपए की बचत होगी।

सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल 11 टाइन ये 1 लाख 50 हज़ार रुपए का आता है, इसमें लगभग 10 हज़ार 500 रुपए की बचत होगी।

सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल – 13 टाइन ये 46 हज़ार रुपए का आता है, इसमें लगभग 3 हज़ार 200 रुपए से ज़्यादा की बचत होगी।

ऐसे ही 14 फीट कटर बार अगर हम कम्बाइन्ड हार्वेस्टर की बात करें, इसमें 1 लाख 87 हज़ार 500 की बचत होगी।

स्ट्रॉ रीपर – 3 लाख 12 हज़ार 500 रुपए का, 21 हज़ार 875 रुपए बचत होगी।

सुपर सीडर – 16 हज़ार 875 रुपए की बचत होगी, जो 2 लाख 41 हज़ार 71 रुपए का आता है।

हैप्पी सीडर – 10 टाइन का 1 लाख 51 हज़ार के आस-पास आता है, इसमें 10 हज़ार 600 के आस-पास बचत होगी।

मल्चर – जो पराली को काटकर ऊपर छोड़ता है, 1 लाख 65 हज़ार रुपए के आस-पास आता है, इसमें लगभग 11 हज़ार 500 रुपए की बचत होगी।

ऑटोमेटिक प्लांटर की बहुत ज़रूरत है ताकि बीज एक समान दूरी पर डाले जा सकें, कम ज़्यादा न हों बराबर डालें। ये 4 लाख 68 हज़ार 700 रुपए के आस-पास आता है, इस पर 32 हज़ार 800 रुपए के आस-पास की बचत होगी।

ऐसे ही हमने अलग-अलग चीज़ों के दाम निकाले हैं। क्योंकि 12% से 5% में क्या-क्या फ़ायदा होगा वो एकदम समझ में नहीं आता है, लेकिन ये जो किसानों की बचत है ये मैंने बताने का प्रयत्न किया है।

फल और सब्जियां अब जरूरी हो गया है कि इनकी वैल्यू एडीशन करें, प्रोसेसिंग करें इस प्रोसेसिंग पर भी तैयार संरक्षित सब्जियां, फल, मेवे इनपर भी जीएसटी घटाई गई है जिनका लाभ सीधे सीधे किसानों को मिलेगा।

कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग उसको भी इसका निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा ऐसे ही हमारे मछली उत्पादक किसान देश के बड़े हिस्से में मछली पालन का काम होता है केवल समुद्रों में नहीं अब तो खेतों में भी तालाब बनाकर व्यापक पेमाने पर मछली पालन का काम किया जा रहा है तो इसपर भी जो तैयार या संरक्षित मछली पर भी कर की दर कम की गई है उससे भी देशभर के जो मछली पालन के काम में किसान लगे हैं उनको लाभ होगा वैसे ही प्राकृतिक शहद पर भी जीएसटी कम होगा, शहद उत्पादक किसान उनको सीधा सीधा इसका लाभ मिलेगा।

एक और किसानों का लाभ है ऊर्जा आधारिक उपकरणों पर जीएसटी कम की गई है 12% से घटाकर 5% इससे सस्ते शोध आधारिक उपकरण वो और सस्ते होंगे क्योंकि किसान ऊर्जादाता भी बने इसका प्रयत्न भी चल रहा है शोध ऊर्जा के आधार पर तो उनको भी इसका लाभ मिलेगा वैसे ही ड्रिप इरीगेशन वगेरा उसपर भी जीएसटी कम की गई है तो जो पर ड्रॉप मोर क्रॉप के जो उपकरण हैं ड्रिप ए, स्प्रिंकलर उसपर भी जीएसटी कम की गई है वो और सस्ते हो जाएंगे और किसान की पहुंच में और आसानी से आएंगे तो किसान उनका भी इस्तेमाल करेगा तो पानी भी बढ़ेगा, पानी भी बचेगा, उत्पादन बढ़ेगा और किसानों का प्रॉफ़िट बढ़ेगा।

ग्रामीण भारत के लिए सीमेंट, लोहा जो GST कम की गई है उसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान बनाना भी सस्ता हो जाएगा। क्योंकि सीमेंट, लोहे के दाम कम होंगे गरीब का घर बनाना भी आसान होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जो इंफ्रा बनता है।

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स्कूल, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, उनकी लागत भी निश्चित तौर पर कम हो जाएगी। सबसे बड़ा फ़ायदा अर्थव्यवस्था को जो होगा, आज देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, हमें हमारी अर्थव्यवस्था को और मज़बूत करना है। इसलिए ये जो दाम कम होंगे, उससे निश्चित तौर पर मांग बढ़ेगी।

सुधार किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आए हैं। नए प्रावधानों में कई तरह की छूट दी गई हैं, जो किसानों और लखपति दीदियों के लिए वरदान सिद्ध होंगी।

मांग बढ़ने से बाज़ार में और पैसा आएगा, उससे हमारी अर्थव्यवस्था भी निश्चित तौर पर मज़बूत होगी। इसलिए इन कदमों के लिए जिन्होंने ग्रामीण भारत की तस्वीर बदली है, इन फैसलों के लिए मैं प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी को हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ।

इससे हमारी प्राकृतिक खेती, जैविक खेती को भी बल मिलेगा और विशेषकर इन्टीग्रेटेड फार्मिंग की तरफ हम देश को ले जाना चाहते हैं। ये केवल फल, सब्ज़ी या अनाज की खेती नहीं, उसके साथ बाकी कामों में भी किसान लगे उसको भी बल मिलेगा। इस क्रांतिकारी सुझाव के लिए प्रधानमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद, वित्तमंत्री जी का आभार!