इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आयोजित सेमिनार में भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. बी.आर. गवई ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की

लखनऊ (SHABD) :भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. बी.आर. गवई ने शनिवार को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने ‘‘कांस्टीट्यूशन एंड कांस्टीट्यूशनलिज्म: द फिलोस्फी ऑफ डॉ. बी. आर. अम्बेडकर’’ विषय पर विचार साझा किए। सीजेआई ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की आत्मा संविधान में निहित है और भारत में एकल संविधान केंद्र और राज्यों दोनों के लिए लागू होता है, जिससे न्याय की अवधारणा सभी स्तरों पर सुनिश्चित होती है। उन्होंने अन्य देशों के अस्थिर लोकतंत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में संविधान के कारण लोकतंत्र मजबूत है।

सीजेआई ने कोलेजियम सिस्टम की प्रासंगिकता को भी बताया और कहा कि इस प्रक्रिया में राज्य सरकार, केंद्र सरकार और विभिन्न एजेंसियों के सुझाव शामिल होते हैं। डॉ. अम्बेडकर के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों से भारतीय संविधान में एकल नागरिकता स्वीकार हुई और शक्ति का विभाजन विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच संतुलित रूप में हुआ। आर्टिकल 32 को संविधान की आत्मा बताते हुए उन्होंने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्ति संतुलन की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने संविधान से प्रदत्त मौलिक अधिकारों जैसे भोजन, स्वच्छ हवा-पानी और शिक्षा के अधिकार का महत्व बताते हुए कहा कि अनेकता में एकता, सामाजिक समानता और उदारवादिता के संतुलन से ही देश की प्रगति संभव है। सीजेआई ने यह भी कहा कि भारतीय संविधान पन्नों में नहीं बल्कि भारतीय लोगों में जीवित है।इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का निर्माता बताते हुए उनकी सामाजिक न्याय और उदारवाद की दृष्टि को याद किया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूण भंसाली ने डॉ. अम्बेडकर के दृष्टिकोण को कानूनी मसौदे से अधिक, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित नैतिक वादे के रूप में वर्णित किया।सेमिनार की अध्यक्षता कर रही इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने सीजेआई के विश्वविद्यालय आगमन को गर्व का विषय बताते हुए विश्वविद्यालय की इतिहास और वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। डॉ. सोनल शंकर ने स्वागत भाषण दिया और सेमिनार के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद रहे। बाइट – प्रोफेसर जया कपूर चड्ढा, जनसंपर्क अधिकारी, इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी

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