वन्देमातरम् भारत की आत्मा की आवाज है : मुख्यमंत्री साय

वन्देमातरम हमारे स्वभाव का मूलमंत्र बना है : प्रदेश अध्यक्ष देव

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस बात पर बल दिया है कि हमें अपना इतिहास कभी नहीं भूलना चाहिए। वन्देमातरम् की 150वीं वर्षगाँठ के इस आयोजन के माध्यम से हम सब लोग आने वाली पीढ़ी को वन्देमातरम् राष्ट्रगीत की महत्ता समझा पाएंगे, इसलिए यह आयोजन बहुत सार्थक सिद्ध हो रहा है। श्री साय शुक्रवार को यहाँ इनडोर स्टेडियम में प्रदेश भारतीय जनता पार्टी द्वारा आहूत वन्देमातरम् संस्मरणोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वन्देमातरम् हमारी आजादी की लड़ाई में मूलमंत्र रहा है। इसके गायन से सबके हृदय में राष्ट्रभक्ति का भाव संचरित होता था। हमारे महापुरुषों ने वन्देमातरम् का जयघोष करते हुए आजादी के लिए अपनी कुर्बानी दे दी, फाँसी के फन्दे को चूम लिया। यह शक्ति और भक्ति इस वन्देमातरम के गायन में थी। यह भारत की आत्मा की आवाज है। श्री साय ने कहा कि सन् 1875 में बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने राष्ट्रगीत वन्देमातरम् की रचना की थी। यह मूलत: 1875 से पहले इस देश में अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध आदि शंकराचार्य के आह्वान पर सँन्यासियों द्वारा किए गए विद्रोह पर केंद्रित उपन्यास ‘आनन्द मठ’ में वन्देमातरम् गीत की रचना की। आदि शंकराचार्य जी ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र, दोनों की शिक्षा दी, जिसका इस गीत में समावेश है। श्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज छत्तीसगढ़ के पाँच सम्भाग मुख्यालयों समेत पूरे देश में 150 स्थानों पर वन्देमातरम् का सामूहिक रूप से सस्वर गायन हुआ है। यह समारोह आगामी एक वर्ष तक चलेगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश जब गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तब बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने वंदेमातरम की कल्पना कर इसकी रचना की। बंकिम जी ने तत्कालीन परिस्थितियों में वन्देमातरम की रचना करके देश के सभी लोगों, समाजों को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर दिया। इस गीत से सबके मन में भारत माता के गौरव की दृष्टि से भाव जागृत हो, देश की स्वतंत्रता के आंदोलन में हम सब अपनी भूमिका निभाएं, यह आह्वान चट्टोपाध्याय जी ने किया। यह गीत हमारा आंदोलन बना और यह सिर्फ देश ही नहीं, अपितु विश्व में भी चर्चित हुआ। श्री देव ने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात सुचेता कृपलानी और सरदार वल्लभभाई पटेल के आग्रह पर पहली बार यह गीत आकाशवाणी पर प्रसारित हुआ। 1947 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1950 में वंदेमातरम व अनगणमन को क्रमशः राष्ट्रगीत व राष्ट्रगान के रूप में मान्यता दी। वन्देमातरम हमारे स्वभाव का मूलमंत्र बना है। श्री देव ने कहा कि नई पीढ़ी और आधुनिक भारत को वन्देमातरम की महत्ता, इतिहास और इसके अंतर्निहित हमारी राष्ट्रीय और आध्यात्मिक चेतना पुनर्स्थापित हो, यह हम सबका गीत बने। प्रधानमंत्री नरेंद्र
की यह सोच हम सब आत्मसात करें।

कार्यक्रम के अंत में फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष मोना सेन और उनकी टीम ने वन्देमातरम् गीत का सुमधुर सस्वर गायन किया। इसके बाद हाथ में तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज लेकर उपस्थित जनों ने देशभक्ति गीत का गायन किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी, श्याम बिहारी जायसवाल, ना के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, प्रदेश कोषाध्यक्ष श्रीराम गर्ग, प्रदेश उपाध्यक्ष नंदन जैन, विधायक राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, सुनील सोनी, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, प्रदेश मंत्री जयंती पटेल, श्रीचंद सुंदरानी, सच्चिदानंद उपासने, जिलाध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर, जिला महामंत्री गुंजन प्रजापति, अमित मैशेरी, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, तुषार चोपड़ा सहित भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

जैन ने आभार माना

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भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व वंदेमातरम कार्यक्रम के प्रदेश प्रभारी नंदन जैन ने शुक्रवार को प्रदेश भर में वंदेमातरम के सामूहिक गायन में स्वस्फूर्त भागीदारी के लिए प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया। श्री जैन ने कहा कि वंदे मातरम् हमारे आत्मसम्मान का प्रतीक है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान करोड़ों भारतीयों में देशप्रेम की ज्वाला जगाई थी।ग आज पुनः उसी भावना को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य भाजपा के कार्यकर्ता पूरे समर्पण के साथ कर रहे हैं। आज का यह आयोजन प्रदेश की राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक गौरव का उत्कृष्ट उदाहरण है।