छत्तीसगढ़ के रंग देखिए मेरे संग : गढ़ धनोरा का गोबरहीन शिव मंदिर तथा जोड़ा शिवलिंग

रायपुर। गढ धनोरा ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है । कोंडागांव जिले के केशकाल तहसील में स्थित है यह स्थान कोंडागांव -केशकाल मार्ग पर केशकाल से 5 किलोमीटर दूर दक्षिण में मुख्य मार्ग से दाईं ओर 2 किलोमीटर पर स्थित है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार गढ़ धनोरा को कर्ण की राजधानी कहा जाता है। गढ़ धनोरा में 5-6 वीं सदी के प्राचीन मंदिर विद्यमान हैं जिन्हें विष्णु मंदिर, बंजारिन तथा गोबराहीन मंदिर कहा जाता है।

मुख्य मार्ग पर दाईं ओर एक प्राचीन विशाल शिवलिंग इंटों के मंच पर गर्भगृह में स्थित है। इस स्थान से बांयी ओर घने जंगल में आगे बढ़ने पर लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर एक अद्भुत जोड़ा शिवलिंग विराजमान हैं। इनके आसपास कोई भी देवालय अथवा कक्ष नहीं है, दोनों शिवलिंग घने जंगलों के मध्य खुले आकाश के नीचे स्थित हैं। इन दोनों (जोड़ा) शिवलिंग के बारे में स्थानीय स्तर पर किसी को भी कोई खास जानकारी नहीं है।
इस पुरे क्षेत्र में टीलों की खुदाई से अनेक शिवलिंग प्राप्त हुए हैं यह स्थान गोबरहीन के नाम से प्रसिद्ध है। यहां महाशिवरात्रि के अवसर पर विशाल मेला आयोजित किया जाता है। इस स्थल का पुरातात्विक महत्व और इतिहास जानने के लिए गहन शोध की आवश्यकता है।
हमने लगभग 15 मिनट तक यहाँ पूजा अर्चना की और शिव के सान्निध्य का अनुभव किया फिर लौट आये इस आशा के साथ कि लौटकर आयेंगे कुछ और जानने, कुछ और समझने।

अवसर मिले तो यहां एक बार अवश्य जाइएगा l आप दर्शन कीजिये गोबराहीन के शिव मंदिर तथा जोड़ा शिवलिंग का
मिलते हैं अगले अंक मेंतब तक… जय जोहार 🙏🙏🙏

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