प्रधानमंत्री मोदी जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल के खुलासे पर जवाब दें-कांग्रेस

रायपुर/15 अप्रैल 2023। पुलवामा हमले में जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक के द्वारा उठाये गये सवालों का जवाब मोदी सरकार को देना चाहिये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि देश की जनता जानना चाहती है कि पुलवामा का सच क्या है? पुलवामा हमले के तुरंत बाद जब राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री से इस मसले पर सवाल खड़ा किया तथा जांच को कहा तो उनसे चुप रहने को क्यों कहा गया?

तत्कालीन राज्यपाल मलिक दावा कर रहे कि सीआरपीएफ ने अपने जवानों को ले जाने जहाज की मांग किया था लेकिन गृह मंत्रालय ने मना कर दिया था ऐसा क्यों हुआ? देश जानना चाहता है। सत्यपाल मलिक यह भी कह रहे कि उन्होंने प्रधानमंत्री से पुलवामा हमले के तुरंत बाद जिमकार्बेट पार्क में फोन पर बात किया था। उन्होंने इस मामले में चुप रहने किसी से भी बात नहीं करने को कहा था प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों कहा था? इसके बारे में भी देश को बताना चाहिये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पुलवामा में देश के 40 जवान वीरगति को प्राप्त हुए, शहीद हुए। पुलवामा आतंकी हमला पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा भारत की संप्रभुता पर हमला था। अब जब ये बात सामने आ गई है कि मोदी जी ने खुद एक राज्यपाल को “चुप रहने“ की हिदायत दी, तब ये गंभीर प्रश्न उठता है कि क्या हमारी सेना का इस्तेमाल सस्ती राजनैतिक लोकप्रियता हासिल करने के लिए हुआ ?

ज्वलंत सवालः- जिनका जवाब मोदी सरकार देश को दे-

1 सीआरपीएफ के जवानों को हवाई मार्ग से क्यों नहीं ले जाया गया, मोदी सरकार ने उनको एयरक्राफ्ट के लिए अनुमति क्यों नहीं दी?
2 जैश की धमकी को क्यों नजरअंदाज किया गया? 2 जनवरी, 2019 और 13 फ़रवरी, 2019 के बीच 11 ख़ुफ़िया इनपुट जो ऐसी आतंकी साज़िश के बारे में आगाह कर रहे थे उन्हें नज़रअंदाज़ क्यों किया गया?
3 आतंकवादियों को इतनी भारी मात्रा में RDX कैसे मिला? 4 साल से ज़्यादा होने पर भी आज पुलवामा आतंकी हमले की जाँच कहाँ तक पहुँची है?
4 राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल और तत्कालीन गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की क्या ज़िम्मेदारी तय की गई?
5 इतने बड़े हादसे के बाद संवैधानिक पद पर बैठे गवर्नर को मोदी जी ने तुम चुप रहो की धमकी क्यों दी?
6 देशद्रोह का सर्टिफिकेट बांटने वाले आज यह बताएं, की अगर यह देशद्रोह नहीं है तो फिर देशद्रोह क्या है?