बिहार में उच्चतर शिक्षा में लड़कियां की संख्या ज्यादा

बिहार सरकार द्वारा बेटियों की शिक्षा को लेकर चलाई जा रही योजनाओं का असर अब धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने लगा है।

बेगूसराय 08 सितंबर (SHABD): बिहार सरकार द्वारा बेटियों की शिक्षा को लेकर चलाई जा रही योजनाओं का असर अब धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने लगा है। विशेष रूप से बेगूसराय जिले में इसका प्रभाव देखने को मिला है, जहाँ हर वर्ष दसवीं बोर्ड परीक्षा में छात्राओं की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।

सरकार की विभिन्न योजनाएं—जैसे छात्रवृत्ति, पोशाक योजना, साइकिल योजना, तथा निःशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण—ने लड़कियों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि ये योजनाएं सभी छात्रों के लिए लागू हैं, लेकिन इनका सर्वाधिक लाभ बेटियों को मिल रहा है, जो अब शिक्षा के क्षेत्र में लड़कों से भी आगे निकल रही हैं।

बोर्ड परीक्षा में बेटियों की भागीदारी बढ़ी आंकड़ों के अनुसार:

2024 में दसवीं बोर्ड परीक्षा में लड़कों की संख्या 23,001 रही, जबकि लड़कियों की संख्या 27,824 थी। यानी लड़कियों की संख्या 4,823 अधिक थी। 2025 में लड़कों की संख्या बढ़कर 27,447 हुई, लेकिन लड़कियों की संख्या 31,945 रही, जो कि 4,498 अधिक है।

बीते पाँच वर्षों में लगातार यह प्रवृत्ति देखने को मिली है कि लड़कों की तुलना में लड़कियों की भागीदारी बढ़ रही है। सिर्फ माध्यमिक शिक्षा ही नहीं, उच्चतर शिक्षा में भी लड़कियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।

सरकारी प्रोत्साहन योजनाएं बनी सहारा

सरकार द्वारा दसवीं बोर्ड में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होने वाले छात्र-छात्राओं को ₹15,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। यह राशि लड़के और लड़कियों दोनों को दी जाती है, लेकिन इसका प्रभाव लड़कियों की शिक्षा में विशेष रूप से दिखाई दे रहा है।

इसके अतिरिक्त, लड़कियों को सैनिटरी पैड खरीदने के लिए ₹150 की आर्थिक सहायता भी दी जा रही है, जिससे बालिकाओं की स्कूल उपस्थिति में सुधार हुआ है। पहले जहां आर्थिक बोझ के कारण परिवार केवल बेटों की पढ़ाई पर ध्यान देते थे, आज वही परिवार बेटियों को भी समान रूप से शिक्षा दिला रहे हैं।

जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया, “आज बेटियां हर क्षेत्र में इतिहास रच रही हैं – चाहे खेल हो, शिक्षा हो या नौकरी। यह सब सरकार की योजनाओं का प्रतिफल है।”

वहीं, ओमर बालिका उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक अफरोज ने कहा, “हर वर्ष छात्राओं की संख्या में जो बढ़ोतरी हो रही है, उसे नकारा नहीं जा सकता। सरकार की योजनाओं ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है।”

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एक छात्रा ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया, “हमें अब पढ़ाई के लिए किसी चीज की कमी नहीं होती। साइकिल, किताबें और पोशाक मिलने से स्कूल आना आसान हो गया है। हम भी अब डॉक्टर, इंजीनियर और शिक्षक बनने का सपना देख सकते हैं।”