बिहार पुलिस ने एनआईए के सहयोग से भारत सरकार की ओर से प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य मोहम्मद महबूब आलम नदवी को किशनगंज के हलीम चौक क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि, आतंकी गतिविधियों और टेरर फंडिंग से जुड़े आरोपों के कारण वर्ष 2022 में भारत सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया था।
किशनंगज 13 सितंबर 2025, (SHABD): भारत सरकार की ओर से प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एक सदस्य की गिरफ्तारी ने सीमांचल क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है।
बिहार पुलिस ने एनआईए के सहयोग से पीएफआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद महबूब आलम नदवी को किशनगंज के हलीम चौक क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी से उम्मीद जताई जा रही है कि सीमांचल में सक्रिय पीएफआई के पूरे नेटवर्क, टेरर फंडिंग और इसके नेपाल-बंगाल कनेक्शन का खुलासा हो सकता है।
टेरर फंडिंग और हवाला नेटवर्क
महबूब आलम नदवी पर देश विरोधी गतिविधियों और आतंकवादियों को आर्थिक मदद पहुंचाने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, वह हवाला नेटवर्क के जरिए फंडिंग में शामिल था। हवाला एक अनौपचारिक और अवैध प्रणाली है, जिसका उपयोग बिना किसी कानूनी रिकॉर्ड के एक जगह से दूसरी जगह पैसा भेजने के लिए किया जाता है।
एनआईए ने पहले भी पीएफआई के एक बड़े हवाला नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसके तार यूएई जैसे देशों से जुड़े बताए जाते हैं। नदवी की गिरफ्तारी से इस नेटवर्क की स्थानीय कड़ियों का पता चलने की संभावना है।
नेपाल-बंगाल कनेक्शन
महबूब नदवी के सिलीगुड़ी, इस्लामपुर (पश्चिम बंगाल) और पड़ोसी देश नेपाल में भी संपर्क होने की जानकारी मिली है। उसकी आवाजाही बिहार के ठाकुरगंज, पौआखाली और बहादुरगंज जैसे इलाकों में भी थी।
यह भौगोलिक स्थिति, विशेष रूप से किशनगंज, जो नेपाल और पश्चिम बंगाल की सीमा के पास है, इसे ऐसी अवैध गतिविधियों के लिए एक संवेदनशील क्षेत्र बनाती है। इस गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि पीएफआई का नेटवर्क इन क्षेत्रों में कितना गहरा है और इसका उपयोग किस तरह की राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा था।
पीएफआई पर लगे गंभीर आरोप
पीएफआई पर कई गंभीर आरोप हैं, जिसके कारण वर्ष 2022 में भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया था। इन आरोपों में हिंसा फैलाना, सांप्रदायिक माहौल खराब करना और युवाओं में कट्टरपंथ को बढ़ावा देना शामिल है।
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एनआईए ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि पीएफआई के संबंध ISIS और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) जैसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठनों से भी थे। महबूब आलम नदवी की गिरफ्तारी इस जांच में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है, जिससे सीमांचल में छिपे पीएफआई के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकेगा।