पटना सिटी (SHABD): लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत आज नहाय-खाय के साथ हो गई। पटना सिटी के विभिन्न घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। व्रतियों ने गंगा नदी और स्थानीय तालाबों में पवित्र स्नान कर छठ पूजा के लिए संकल्प लिया। श्रद्धालुओं ने परंपरा के अनुसार घरों में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखते हुए नहाय-खाय का विधान पूरा किया।
नहाय-खाय के साथ ही चार दिवसीय छठ पर्व की औपचारिक शुरुआत हो जाती है। इस दिन व्रती सूर्योदय के समय नदी या तालाब में स्नान कर सूर्य देवता की आराधना करते हैं। स्नान के बाद व्रती घर आकर लौकी-भात और चने की दाल का प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह प्रसाद शुद्ध घी में बनाया जाता है और इसके बाद ही घर के अन्य सदस्य भोजन करते हैं। इसे शुद्धता और संयम का प्रतीक माना जाता है।
पटना सिटी के कुर्जी घाट, गायघाट, आदमपुर घाट, बाबू घाट और राजा घाट सहित कई अन्य स्थानों पर श्रद्धालु परिवारों के साथ पहुंचे। घाटों पर नगर निगम और प्रशासन द्वारा सफाई और सुरक्षा के विशेष इंतज़ाम किए गए थे। महिलाओं, पुरुषों और बच्चों में गजब का उत्साह देखा गया।
स्थानीय निवासी सीमा देवी ने बताया, “छठ हमारी सबसे बड़ी आस्था का पर्व है। नहाय-खाय से शुरू होकर खरना और फिर डूबते व उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने तक यह पर्व अनुशासन, शुद्धता और श्रद्धा का प्रतीक है।”
वहीं, नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि सभी प्रमुख घाटों पर साफ-सफाई, रोशनी, पेयजल और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। प्रशासन की ओर से विशेष निगरानी दल भी तैनात किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
नहाय-खाय के साथ अब व्रती बुधवार को खरना का व्रत करेंगे और गुरुवार को डूबते सूर्य तथा शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ महापर्व का समापन करेंगे।
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